Swati Sharma

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लेखनी कहानी -20-Dec-2022:- लक्ष्य

दैनिक प्रतियोगिता:-


कविता:- लक्ष्य:-

जब भी बनाओगे कोई लक्ष्य
सदैव उसमें पाओगे एक पक्ष
तो दूसरा विपक्ष
तुम्हें होना होगा हर हाल में
सबसे दक्ष
अपने ही मन के कोने को
बना लो एक सुंदर कक्ष
अपने ही मन के दर्पण में
सदैव ढूंढों अपना ही अक्स
सभी के उत्थान हेतु कदम उठें
ऐसा होना चाहिए सभी का एक लक्ष्य।

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12 Comments

Sachin dev

21-Dec-2022 04:58 PM

Well done

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Swati Sharma

22-Dec-2022 12:42 AM

Thank you sir 🙏🏻

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Abhinav ji

21-Dec-2022 07:51 AM

Very nice👍

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Swati Sharma

21-Dec-2022 01:44 PM

Thank you sir 🙏🏻💐

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Swati chourasia

21-Dec-2022 03:25 AM

बहुत खूब

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Swati Sharma

21-Dec-2022 01:44 PM

शुक्रिया मेम

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